Freight Forwarding Full Documents In File

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20 Jul, 2025 | Pravesh Shakya

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हेलो नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं ही जब हम शिपमेंट एक्सपोर्ट करते हैं तब हमारी फाइल में कौन कौन से डाक्यूमेंट्स होने चाइये
देखिये डाक्यूमेंट्स जानने से पहले में हमे ये जानना जरुरी है की ये डाक्यूमेंट्स हमे स्टेप BY  स्टेप मिलेंगे कैसे, तो में आपको स्टेप BY स्टेप ही सरे डाक्यूमेंट्स बताऊंगा , देखिये सबसे पहले जो डाक्यूमेंट्स मिलता हे वो होता हे परचेस आर्डर, जो की  एक्सपोर्टर आपको देता है कॉन्सिग्नी से लेके देता है, ये इसका प्रूफ होता है , की जो एक्सपोर्टर माल भेज रहा है  वो सही में ख़रीदा गया है या नहीं, इसका उसे कस्टम क्लीयरेंस में काम आता है कई बार कस्टम ऑफिस परचेस आर्डर मांगते है कस्टम क्लीयरेंस करते वक़्त  तो फाइल में ये होना जरुरी है , इसके बात आता इनवॉइस पैकिंग लिस्ट, इनवॉइस  में वो सब चीज़े मेंशन होती है, किसने माल भेजा है और किसने ख़रीदा है, और कितने दाम में ख़रीदा है, और क्या माल ख़रीदा है, और पैकिंग लिस्ट में मेंशन होता है की किसने माल  भेजा है, और किसने  ख़रीदा है, कितना वेट है, कितना पैकेज है, वो सब, ये इनवॉइस  पैकिंग लिस्ट आपको एक्सपोर्टर ही बनाके  देता है,  अब इसी के आधार पे आपको चेकलिस्ट मिलती है, अब आप   बोलेंगे ये चेकलिस्ट होती क्या है और देखिये चेकलिस्ट वो डाक्यूमेंट्स है जिसमे  वो सब डिटेल मेंशन होती है जो इनवॉइस पैकिंग लिस्ट में मेंशन है, ये आपको cha (कस्टम हाउस एजेंट) बनके देता है ये चेक करने के लिए की जो डिटेल इसमें मेंशन है वो करेक्ट हे या नहीं, ताकि वो फाइनल डाक्यूमेंट्स बना पाए, अगर वो बिना चेक किये  डाक्यूमेंट्स फाइनल करदेता है और शिपिंग बिल कॉपी गेनेराते हो जाती है, तो अगर कोई उसमे अमेंडमेंट है, तो फिर बिना पेनल्टी के वो ठीक नहीं होता , इसलिए CHA  आपको चेकलिस्ट कॉपी देते है, अब यहाँ आपको एक बात बतादू, देखिये यह चेकलिस्ट तो  ओके होगी और यहाँ आपका शिपिंग बिल नंबर भी जेनेरेट हो जायेगा, लेकिन शिपिंग बिल कॉपी जेनेरेट नहीं होगी, शिपिंग बिल कॉपी जब ही जेनेरेट होती जब आपका कार्गो कस्टम एरिया के अंदर हो जायेगा और कस्टम ऑफिस के द्वारा वो चेक हो जायेगा , मतलब कस्टम क्लीयरेंस हो जायेगा तब,  शिपिंग बिल नंबर जेनेरेट इसलिए होता है की आपका कार्गो कस्टम में गेट इन  हो जाये,  चलिए अब आगे बढ़ते हैं जब आपका कार्गो गेट इन हो जाता है तब जो CHA  होता हे वो उस कार्गो को क्लियर करवाता है, मतलब कस्टम क्लीयरेंस करवाता है, फिर उसके बाद लियो कॉपी जेनेरेट होती है जिसे आप शिपिंग बिल कॉपी भी बोलते है,  अब हमे उस कार्गो को भेजने की प्रकिर्या  चालू करनी है मतलब अब कंटेनर में लोड करके उसे भेजना है, कंटेनर भेजने के लिए हमे CRO  की जरुरत होती है जिसम हम बुकिंग कॉपी बोलतें हैं   यहाँ से हमारा यानि फ्रेट फारवर्डर का काम चालू हो जाता है, हम शिपिंग लाइन में बुकिंग रिक्वेस्ट सबमिट करते हैं, शिपिंग लाइन हमे बुकिंग प्रोवाइड कराती है, उस बुकिंग से हम कंटेनर पिक उप करते हैं, फिर उसमे माल को भरके भेज देते है, इसमें आगे के जो डाक्यूमेंट्स होतें हैं जैसे

PURCHASE ORDER

INVOICE PACKING LIST

CHECKLIST

SHIPPING BILL COPY / LEO COPY

VGM

CRO/ BOOKING COPY

PURCHASE INVOICE

SALES INVOICE

If haz container  so

DGD DECLARATION

MSDS,

UN CERTIFICATE


तो ये सरे डाक्यूमेंट्स  कैसे बनते है इसके लिए अलग से ब्लॉग लिख दूंगा इस ब्लॉग को यहीं सामंत करते हैं 
धन्यवाद्

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